दिल्ली में मिला कोरोनावायरस का चौथा मरीज, दोबारा जांच के लिए पुणे भेजा गया सैंपल

दिल्ली में मिला कोरोनावायरस का चौथा मरीज, दोबारा जांच के लिए पुणे भेजा गया सैंपल


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" alt="" aria-hidden="true" />दिल्ली में एक और मरीज कोरोनावायरस पॉजीटिव मिला है। हालांकि मरीज में संक्रमण की पुष्टि के लिए दोबारा सैंपल पुणे स्थित लैब भेजा है। फिलहाल महिला मरीज को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती किया है। अभी तक दिल्ली में तीन पॉजीटिव केस मिल चुके हैं।


प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली के केस नंबर दो यानि पेटीएम कर्मचारी की पत्नी में भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। दो दिन पहले सैंपल लेकर जांच के लिए दिल्ली एम्स भेजा था जिसकी रिपोर्ट अब सामने आ चुकी है। रिपोर्ट में कोविड 19 के संक्रमण की पुष्टि की गई है।

हालांकि रिपोर्ट में ये भी लिखा है कि अंतिम बार पुष्टि के लिए सैंपल को पुणे स्थित लैब में भेजा है। फिलहाल महिला मरीज को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती किया है। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार अब तक अस्पताल में 12 केस पॉजीटिव हैं। जबकि आठ संदिग्ध मरीज भी भर्ती हैं। 



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27 मार्च को हाईकोर्ट ने मुस्तफाबाद कैंप से निकाले गए विस्थापित लोगों के लिए भोजन, चिकित्सा और आश्रय मुहैया करवाने के आदेश दिए थे। न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा और नवीन चावला की पीठ के समक्ष दिल्ली सरकार के वकील ने बताया कि कैंप से विस्थापितों के लिए उत्तर पूर्वी जिले में मोहल्ला क्लीनिक संचालित है। पीठ को बताया कि हिंसा के बाद मुस्तफाबाद ईदगाह में बनाए गए राहत शिविर को कोरोना वायरस के खतरे के कारण खाली कराया गया था। अब उन लोगों से संपर्क करके उन्हें लॉकडाउन की स्थिति में भोजन, पानी, मेडिकल और अन्य जरूरी सुविधाएं प्रदान करने की कोशिश की जा रही है।
उत्तर पूर्वी जिले में हिंसा के दौरान बेघर हुए लोगों को चिकित्सा और भोजन मुहैया कराने के आदेश पर दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि सरकार ईदगाह कैंप से निकलने वाले लोगों की तलाश कर रही है। यह पता करने की कोशिश की जा रही है विस्थापितों को चिकित्सा और भोजन की आवश्यकता है या नहीं?
मुस्तफाबाद कैंप में हिंसा के बाद 275 परिवार रह रहे थे। कोरोना वायरस महामारी के बाद लोगों को कैंप से निकाले जाने के खिलाफ शेख मुजतबा फारूक की ओर से याचिका दायर कर सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी कि कैंप से निकाले लोगों के लिए कैंप को फिर से खोला जाए, ताकि लोग सड़कों पर ना रहेें। इसके साथ लोगों के लिए पर्याप्त भोजन, चिकित्सा और पेयजल की मांग की गई। इस याचिका पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिए थे। गौरतलब है कि 23 और 24 फरवरी को उत्तर पूर्वी जिले में हुई हिंसा के दौरान 53 लोगों की मौत हो गई थी और 250 से ज्यादा लोगों घायल हुए थे। इस दौरान कई परिवारों के घरों में आग लगा दी गई थी, जिस कारण काफी लोग बेघर हो गए थे।
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