वर्तमान आपाधापी के अशांत, भ्रष्ट और हिंसक वातावरण में महावीर की अहिंसा शांति प्रदान कर सकती है. उनका अपरिग्रह आर्थिक विषमता मिटाने के साथ ही संघर्षों में समन्वय और सद्भावना का स्रोत बन सकता है. क्योंकि जब तक एक ओर अथाह पैसा, दूसरी ओर अभाव रहेगा तक संघर्ष होते रहेंगे. उसी तरह जब अस्तेय यानी अचौर्य की भावना का प्रचार-प्रसार और पालन होगा तो चोरी, लूटमार का भय खत्म हो जाएगा. पूरे विश्व में मानसिक और आर्थिक शांति स्थापित होगी. चरित्र और संस्कार मजबूत होंगे तो सरल, सादगीपूर्ण एवं गरिमामय जीवन को प्रोत्साहन मिलेगा. तीर्थंकर हमें इसी आत्मज्ञान का रास्ता दिखा कर गए हैं.
प्रासंगिक हैं महावीर...