खेलकूद से छात्रों की प्रतिभा में निखार आता है : रविन्द्र कुशवाहा

देवरिया। उपनगर के सेंट जेवियर्स हाई स्कूल के दो दिवसीय वार्षिक खेलकूद समारोह का औपचारिक उद्घाटन सांसद रोवद्र कुशवाहा ने। कहा, खेलकूद से छात्रों की प्रतिभा में निखार आता है। छात्र जीवन में शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद बेहद जरूरी है। समुचित शिक्षा से ही बच्चों का भविष्य संवर सकता है। विशिष्ट अतिथि उपजिलाधिकारी भाटपार रानी ओमप्रकाश ने कहा कि छात्रों का भविष्य उनकी प्रारंभिक शिक्षा की मजबूत नींव पर ही निर्भर है। सभा कुंवर ने कहा कि खेल से बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास होता है। सरकार पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद को बढ़ावा दे रही है। विद्यालय के निदेशक रितेश चंद्रा एवं प्रधानाचार्य राकेश मिश्र ने आभार प्रकट किया। इस दौरान शिक्षक ऋषि गुरुंग, ममता गुरुंग, ग्राम प्रधान पप्पू प्रसाद आदि मौजूद रहे।



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27 मार्च को हाईकोर्ट ने मुस्तफाबाद कैंप से निकाले गए विस्थापित लोगों के लिए भोजन, चिकित्सा और आश्रय मुहैया करवाने के आदेश दिए थे। न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा और नवीन चावला की पीठ के समक्ष दिल्ली सरकार के वकील ने बताया कि कैंप से विस्थापितों के लिए उत्तर पूर्वी जिले में मोहल्ला क्लीनिक संचालित है। पीठ को बताया कि हिंसा के बाद मुस्तफाबाद ईदगाह में बनाए गए राहत शिविर को कोरोना वायरस के खतरे के कारण खाली कराया गया था। अब उन लोगों से संपर्क करके उन्हें लॉकडाउन की स्थिति में भोजन, पानी, मेडिकल और अन्य जरूरी सुविधाएं प्रदान करने की कोशिश की जा रही है।
उत्तर पूर्वी जिले में हिंसा के दौरान बेघर हुए लोगों को चिकित्सा और भोजन मुहैया कराने के आदेश पर दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि सरकार ईदगाह कैंप से निकलने वाले लोगों की तलाश कर रही है। यह पता करने की कोशिश की जा रही है विस्थापितों को चिकित्सा और भोजन की आवश्यकता है या नहीं?
मुस्तफाबाद कैंप में हिंसा के बाद 275 परिवार रह रहे थे। कोरोना वायरस महामारी के बाद लोगों को कैंप से निकाले जाने के खिलाफ शेख मुजतबा फारूक की ओर से याचिका दायर कर सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी कि कैंप से निकाले लोगों के लिए कैंप को फिर से खोला जाए, ताकि लोग सड़कों पर ना रहेें। इसके साथ लोगों के लिए पर्याप्त भोजन, चिकित्सा और पेयजल की मांग की गई। इस याचिका पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिए थे। गौरतलब है कि 23 और 24 फरवरी को उत्तर पूर्वी जिले में हुई हिंसा के दौरान 53 लोगों की मौत हो गई थी और 250 से ज्यादा लोगों घायल हुए थे। इस दौरान कई परिवारों के घरों में आग लगा दी गई थी, जिस कारण काफी लोग बेघर हो गए थे।
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